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दौर ए वबा चला कल का कुछ पता नहीं, बेहा

दौर   ए   वबा  चला  कल  का   कुछ   पता  नहीं,
बेहाल हो रहा जहां कब हो‌ जाए बे-हाल पता नहीं,

मिटा इल्ज़ाम-  तराशी तुम रफाकत को नज्र कर लें,
कब  बरस जाए  कयामत  अब्र  उसे  कुछ पता नहीं,

आपसी मन मुटाव मिटा के चल कर ले बातें प्यार भरी,
गम  ए   हिज्र  कब मिले जाए  हालात  का पता नहीं,

तुम   सुंदर   सलौनै  से   स्वप्न  की  तस्वीर  बुन‌ तो लो,
इनायत कब हो जाए रहबर की तकदीर का पता नहीं,

यकीनन  सफर  मौत  का  आखरी  इंतेखाब  होना  है,
ना  जाने  वक़्त  का  कब  बदले  मिजाज़  पता नहीं,

उठने  दे हुकांर  हृदय  से  उमड़ते   जज्बात  है   यह,
सनम का क्या भरोसा कब बदलें ख्यालात पता नहीं। #कोराकाग़ज़ 
#रमज़ान_कोराकाग़ज़ 
#kkr2021 
#kkआपसीमनमुटाव
#collabwithकोराकाग़ज़
दौर   ए   वबा  चला  कल  का   कुछ   पता  नहीं,
बेहाल हो रहा जहां कब हो‌ जाए बे-हाल पता नहीं,

मिटा इल्ज़ाम-  तराशी तुम रफाकत को नज्र कर लें,
कब  बरस जाए  कयामत  अब्र  उसे  कुछ पता नहीं,

आपसी मन मुटाव मिटा के चल कर ले बातें प्यार भरी,
गम  ए   हिज्र  कब मिले जाए  हालात  का पता नहीं,

तुम   सुंदर   सलौनै  से   स्वप्न  की  तस्वीर  बुन‌ तो लो,
इनायत कब हो जाए रहबर की तकदीर का पता नहीं,

यकीनन  सफर  मौत  का  आखरी  इंतेखाब  होना  है,
ना  जाने  वक़्त  का  कब  बदले  मिजाज़  पता नहीं,

उठने  दे हुकांर  हृदय  से  उमड़ते   जज्बात  है   यह,
सनम का क्या भरोसा कब बदलें ख्यालात पता नहीं। #कोराकाग़ज़ 
#रमज़ान_कोराकाग़ज़ 
#kkr2021 
#kkआपसीमनमुटाव
#collabwithकोराकाग़ज़