Nojoto: Largest Storytelling Platform

समाना तेरा मुझ में यूं..... (3) मेरे हम नफस हम नही

समाना तेरा मुझ में यूं..... (3)
मेरे हम नफस हम नहीं जी सकेंगे,
अगर जो कभी साथ तुम छोड़ दोगी,

तुम्हें देखना ख़ुद में यूं.....
समाना तेरा मुझ में यूं..... (3)

है तुमसे मेरी ये एक इल्तेज़ा के,
मुझे छोड़ सब को विदा बोल दोगी,
यकीनन कभी जो जरूरत पड़ी तो,
सनम तुम मुझे बेझिझक बोले दोगी,

है वादा तेरा मुझसे यूं.....
समाना तेरा मुझ में यूं..... (3)

तुम्हें हम हकीकत में बस चाहते हैं,
यह बस एक सदा रब से तुम बोल दोगी,
जहां आखिरत दो जहां का है वादा,
के हर एक जहां में मेरा साथ दोगी,

यक़ीन तेरा मुझ पर यूं......
समाना तेरा मुझ में यूं..... (3)

—————🖤🖤—————
Poet/Writer: Asif Hindustani
—————🖤🖤—————

©Asif Hindustani Official
  समाना तेरा मुझ में यूं..... (3)
मेरे हम नफस हम नहीं जी सकेंगे,
अगर जो कभी साथ तुम छोड़ दोगी,

तुम्हें देखना ख़ुद में यूं.....
समाना तेरा मुझ में यूं..... (3)

है तुमसे मेरी ये एक इल्तेज़ा के,

समाना तेरा मुझ में यूं..... (3) मेरे हम नफस हम नहीं जी सकेंगे, अगर जो कभी साथ तुम छोड़ दोगी, तुम्हें देखना ख़ुद में यूं..... समाना तेरा मुझ में यूं..... (3) है तुमसे मेरी ये एक इल्तेज़ा के, #Poet #ghazal #poem #adventure #yaqeen #AsifHindustani #MithilaKaShayar

1,888 Views