दिलों में कर चुका है घर वो दहशतगर्द हंगामा, हाथ रखकर उसी रग पर बना हमदर्द हंगामा, दुआ है उम्रभर बेशक़ भले बदले कोई मौसम... तपे,बरसे, कभी पतझर, कभी हो सर्द हंगामा ! ✍️सुमीत सिवाल... ©SUMEET SMS #Hungama #poem #Poet #love #Par #Poetry #Dil #pyar #sardi #LostInNature