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असीम सुख की आनंदानुभूति हैं ,तुम्हारी बाहें, सि

असीम  सुख  की आनंदानुभूति  हैं ,तुम्हारी बाहें,
सिमट   कर  इनमें  सो  जाऊँ , तो   जगाना  मत,
प्रेम पाकर तुम्हारा ,इस संसार से विरक्त हो जाऊँ,
तो  दर्पण  संसार  का  तुम ,  मुझे   दिखाना  मत,
समेट  लेना  बाहें  अपनी , मुझे  अंक  में  भरकर,
पवन   भी  वेग   से   बहे , तो  मुझे  डराना   मत,
कोई खुदा  ना  कोई  रब  है ,जिसकी करूँ बन्दगी,
तुझे  पूजा  है  मैने ,भय खुदा का मुझे दिखाना मत,
की हर ख़ुशी तुझसे साझी,दर्द अपने लिए रख छोड़े हैं,
मेरे दर्द चुनने का,  तुम करना  कोई  बहाना मत,
स्वप्न जो भी हैं आँखों मे,सबमे तस्वीर तुम्हारी है,
तुम भी ख़्वाब किसी का आँखों मे ,सजाना मत,
तुम्हारी  बाहें  ही तो  हैं आखिरी  मन्जिल   मेरी,
किसी सूरत  भी अपना  हाथ तुम , छुड़ाना मत ।।
                                                   -पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #तुम्हारी_बाहें  वंदना .... Badal Singh Kalamgar kumar samir Mili Saha Mahi  Raj Guru डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) कवि संतोष बड़कुर @Dil_E_Nadan Sunita Pathania  दिनेश कुशभुवनपुरी Deepiitd Ashutosh Mishra HINDI SAHITYA SAGAR काव्यार्पण  Kamlesh Kandpal Bhardwaj Only Budana Urvashi Kapoor Richa Mishra Saloni Khanna  Suresh Gulia Bhavana kmishra Rakesh Srivastava SAUD ALAM Lalit Saxena  भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Anonymous अब्र (Abr) Sethi Ji shashi kala mahto  खामोशी और दस्तक Anil Ray R K Mishra " सूर्य " अदनासा- Senty Amarjit  Poonam Suyal तन्हा शायर अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Praveen Jain "पल्लव" GULSHAN KUMAR  Sita Prasad पथिक.. narendra bhakuni Navash2411 Kirti Pandey