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...... लो, मैं तुम्हें भेजती हूॅं स्मृतियाॅं, थोड़

......
लो, मैं तुम्हें भेजती हूॅं स्मृतियाॅं,
थोड़ा समय निकाल आने को कहती हूॅं।
सुकून, सब्र सब तुम्हारे सिवा कहाॅं,
पास जो साॅंसे है तेरे इंतजार को देती हूॅं।



/अनुशीर्षक/ ✍️
जब सुरज की किरण पहली
मुझे सुबह जगाती है,
और छोटी चिड़िया रसोई की
खिड़की पर बैठ चहचहाती हैं,
जब छत पर चाय की प्याली
लिए फिर मैं टहलने जाती हूॅं,
एक गिलहरी रोज़ कोने में वहीं
......
लो, मैं तुम्हें भेजती हूॅं स्मृतियाॅं,
थोड़ा समय निकाल आने को कहती हूॅं।
सुकून, सब्र सब तुम्हारे सिवा कहाॅं,
पास जो साॅंसे है तेरे इंतजार को देती हूॅं।



/अनुशीर्षक/ ✍️
जब सुरज की किरण पहली
मुझे सुबह जगाती है,
और छोटी चिड़िया रसोई की
खिड़की पर बैठ चहचहाती हैं,
जब छत पर चाय की प्याली
लिए फिर मैं टहलने जाती हूॅं,
एक गिलहरी रोज़ कोने में वहीं
shree3018272289916

Shree

New Creator

✍️ जब सुरज की किरण पहली मुझे सुबह जगाती है, और छोटी चिड़िया रसोई की खिड़की पर बैठ चहचहाती हैं, जब छत पर चाय की प्याली लिए फिर मैं टहलने जाती हूॅं, एक गिलहरी रोज़ कोने में वहीं #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #collabwithतन्हा_रातें #एक_गुलनार #ekgulnaar_lovequotes #काव्य_विविधा_गुलनार #मैं_तुम्हें_भेजती_हूँ_स्मृतियाँ