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Shree
...... लो, मैं तुम्हें भेजती हूॅं स्मृतियाॅं, थोड़ा समय निकाल आने को कहती हूॅं। सुकून, सब्र सब तुम्हारे सिवा कहाॅं, पास जो साॅंसे है तेरे इंतजार को देती हूॅं। /अनुशीर्षक/ ✍️ जब सुरज की किरण पहली मुझे सुबह जगाती है, और छोटी चिड़िया रसोई की खिड़की पर बैठ चहचहाती हैं, जब छत पर चाय की प्याली लिए फिर मैं टहलने जाती हूॅं, एक गिलहरी रोज़ कोने में वहीं
Madhu Jain
मैं तुम्हें भेजती हूँ स्मृतियाँ कभी कमल की खिलती खुशबु से महक जाती हूँ उस महक से तुम्हारे हृदय को स्पंदन और मिठी मनुहार कि तुम प्रिये शीघ्र आना विरह मिलन के प्रतिक्षा में जीवन के क्षणित क्षण.. ⭐⭐⭐⭐⭐ 5 testimonials// kavya vividhaa promotional screening by Tanha Raatein 💐🥳🥳काव्य विविधा Challenge: submit before 6a.m the next day,mentioning 'Done' in comment section. No plagiarism please. 💐नमस्कार ! साथियों Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करते है ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाएँ । 💐अपने भाव 4 -8 लाईनों में लिखें .... 4-8 लाइन्स verses:छंद-मुक्तक काव्य-शैली उर्दू लफ्ज़ वर्जित हैं रचना में।
Neha Swaika
मै तुम्हे भेजती हूँ स्मृतिया कान्हा ! तुम्हे मिलती है ना तुम ना होकर मेरे पास हो , मेरे साथ मगर तुम तो अलग ही पात पर हो इसलिए तो कमल मे धेड़ सारा प्यार और अनंत साथ का विशवास भेजती हूँ। ⭐⭐⭐⭐⭐ 5 testimonials// kavya vividhaa promotional screening by Tanha Raatein 💐🥳🥳काव्य विविधा Challenge: submit before 6a.m the next day,mentioning 'Done' in comment section. No plagiarism please. 💐नमस्कार ! साथियों Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करते है ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाएँ । 💐अपने भाव 4 -8 लाईनों में लिखें .... 4-8 लाइन्स verses:छंद-मुक्तक काव्य-शैली उर्दू लफ्ज़ वर्जित हैं रचना में।
Shayar Mukesh Kr Tiwari.
जल में कंवल खिला और बागों में कलियां तुम मेरी स्मृति में उभरे उड़ने लगी मन की तितलियां जिस तरह मैं जीवित हूं तेरी यादों के सहारे साजन, वही, “मैं तुम्हें भेजती हूं स्मृतियां"! विरह के वेदना क्या और होते हैं कैसे,तुम क्या जानो पीर तो अपनी है साजन पिर पराई तुम क्या जानो मन आंगन सब सुने पड़े,वीरान पड़ी दिल की गलियां साजन, वही, “मैं तुम्हें भेजती हूं स्मृतियां”! मन चंचल धिर धरे नहीं एक पल को अब तो अंखियां भी तरसी तेरे दरस को सागर पार गए निर्मोही कहें मोरी सखियां साजन, वही, “मैं तुम्हें भेजती हूं स्मृतियां"! ⭐⭐⭐⭐⭐ 5 testimonials// kavya vividhaa promotional screening by Tanha Raatein 💐🥳🥳काव्य विविधा Challenge: submit before 6a.m the next day,mentioning 'Done' in comment section. No plagiarism please. 💐नमस्कार ! साथियों Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करते है ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाएँ । 💐अपने भाव 4 -8 लाईनों में लिखें .... 4-8 लाइन्स verses:छंद-मुक्तक काव्य-शैली उर्दू लफ्ज़ वर्जित हैं रचना में।
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