रचना क्रमांक :-7 9/04/2022
"परेशानियाँ" (लघुकथा)
जिंदगी का दूसरा नाम ही परेशानियाँ है, कोई भी आदमी यहांँ सर्वगुण संपन्न नहीं होता,चाहे वह अमीर हो या गरीब।बात यहाँ एक लड़के की है, नाम उसका धीरज है, गाँव में ही उसका जन्म हुआ, लेकिन बचपन से ही वह खेलकूद में ही बहुत ही रुचि रखता था, स्कूल के कहीं खेलकूद की स्पर्धा में वह अव्वल भी आया था। धीरे-धीरे वक़्त गुज़रता गया और वह युवान हो गया, उस वक़्त भी वह खेलकूद से हमेशा जुड़ा ही रहा। एक दिन वो रास्ते मे साइकिल से घर जा रहा था, और पीछे से एक कार न #कोराकाग़ज़#collabwithकोराकाग़ज़#रमज़ानकोराकाग़ज़#KKR2022#KKRपरेशानियाँ#kkrnitesh