उलझन अजीब सी कश्मकश चल रही अपने ही जाल में उलझती जा रही जो है उसे छोड़ कुछ नही के पीछे भाग रही ये कैसा पागलपन है जमीं छोड़ आसमाँ छूने जा रही ख़्वाहिश तुझे पाने की नही तुझमें बस जाने की कर रही अहसास है न होगी पूरी फिर भी सपने देख रही ये कैसा अहसास है कि दर्दे मोहब्बत से रूबरू होती जा रही #uljhAn #उलझन #अहसास #nojoto #writers #writersofnojoto #nojotohindi #quote #hindiurdu #wordporn #hindiwriters #urduwriters #urdu #poem #hindipoetry #lovequote #poetry #love #shayri