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अपनी ही मैय्यत पे , वालिदैन मर्सिया पढ़ते

अपनी  ही  मैय्यत  पे , वालिदैन  मर्सिया   पढ़ते    रहे,
उनके अपने ही बच्चे ,उनकी दौलत के लिए लड़ते रहे,
ज़ार ज़ार   रोती     रही ,   रूह      भी   माँ बाप    की,
और वो बच्चे  अपने ही जैसी ,नई पीढ़ी को गढ़ते रहे।।

©poonam atrey
  #मर्सिया  भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Kamlesh Kandpal Mili Saha Ashutosh Mishra Saloni Khanna  दिनेश कुशभुवनपुरी Puja Udeshi Richa Mishra Navash2411 Anshu writer  R K Mishra " सूर्य " shashi kala mahto Deep nishi_bhatnagarr Sita Prasad  Bhavana kmishra वंदना .... Badal Singh Kalamgar तन्हा शायर kumar samir  Rakesh Srivastava Poonam Suyal एक अजनबी Neel Anonymous  Suresh Gulia Ambika Mallik Sunita Pathania Reema Mittal  खामोशी और दस्तक  Aditya kumar prasad कवि संतोष बड़कुर अदनासा- Sethi Ji डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)  GULSHAN KUMAR Praveen Jain "पल्लव" RUPENDRA SAHU "रूप" अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Rahil Mehra  Lalit Saxena Shilpi Singh प्रज्ञा Raju ....... Ranjit Kumar