माखन मटकी फोड़ने आये नंदलाल , चुपके से माखन चुराने आये नंदलाल । गोकुल गोपियों संग रास रचाने आये नंदलाल , बाँसुरी की धुन से मंत्रमुग्ध करने आये नंदलाल । सही-गलत , धर्म-अधर्म समझाने आये नंदलाल , जगत को प्रेमपरिभाषा सिखाने आये नंदलाल । ©आराधना आप सभी को कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🌼 . . . . . . .