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White बाबुल की बगिया से, रुख़्सत हुई गुड़िया प्यार

White बाबुल की बगिया से, रुख़्सत हुई गुड़िया प्यारी,  
आँखों में आंसू, दिल में एक खामोश सवारी।  
चूड़ी की खनक, अब ख़ामोश है गलियों में,  
उसकी हंसी की गूंज, अब बस यादों की कलियों में।

लाड़ली जब विदा हुई, दिल में सूनापन छा गया,  
आँगन का वो कोना, जैसे बिन चाँद का आसमां हो गया।  
ख्वाबों में अब भी उसकी सूरत नज़र आती है,  
रात की तन्हाई में उसकी हंसी गूंज जाती है।

दुआओं में अब बस उसकी ख़ुशहाली है,  
हर लम्हे में उसकी ख़ुशियों की देखभाल है।  
रुख़्सत तो हुई है वो, मगर दिल से कहाँ जाएगी,  
बाबुल की दुआओं में वो हमेशा महकती जाएगी।

©Niaz (Harf)
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#Niaz  Parul (kiran)Yadav  Neel  heartlessrj1297  Jannah  Dia