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# "यादों के किनारे पर बैठा, दिल र | English Poetry

"यादों के किनारे पर बैठा,
दिल रहता मेरा गुमसुम है,
सब्र की कश्ती डगमगा जाती,
ऐसी उठती दर्द की लहर में हलचल है।

उजड़ गया जो मेरे प्यार का उपवन,
अब एकाकी मेरा जीवन है,
हँसने को तो मैं हँसती हूँ,
anjalisinghal5635

Anjali Singhal

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"यादों के किनारे पर बैठा, दिल रहता मेरा गुमसुम है, सब्र की कश्ती डगमगा जाती, ऐसी उठती दर्द की लहर में हलचल है। उजड़ गया जो मेरे प्यार का उपवन, अब एकाकी मेरा जीवन है, हँसने को तो मैं हँसती हूँ, #Poetry #EXPLORE #AnjaliSinghal

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