तू सवाल है तो मैं जवाब हूं तेरी जिंदगी की किताब हूं तेरे इश्क के रंग में रंग गया मैं वो दरिया ए बेहिसाब हूं कड़ी धूप में तेरी छांव बन, मैं शजर नुमा आफताब हूं जो सताए सोते हुए तुझे शबो रोज़ का मैं वो ख्वाब हूं तू महकते बागों का गुल बने, मैं गुलों में खिलता गुलाब हूं तू नजर उठा आसमां तो देख तू फलक मैं तेरा माहताब हूं तू है शबनमी तू इक "नूर" है, तेरी रोशनी का मैं हिजाब हूं। हाजी आफाक अहमद हैदरी "नूर" 27 12 2022 ©Haji Karbalai #WinterEve तू सवाल है तो मैं जवाब हूं