कदापि जीवन एक परम सत्य नही है, क्योंकि जब जीवन है तो मृत्यु भी यही है। अमरत्व,अजरत्व सब क्षणिक भ्रम मात्र है, जीवन रंगमंच के कुछ पलों के हम पात्र है। मरने के बाद आत्मा पंचतत्व में विलीन, स्वर्ग-नरक अनभिज्ञ सच मे हो जाती लीन। यहाँ कर्मों का लेखा - जोखा ही सर्वश्रेष्ठ है, जन - जन में वितरण प्रणाली भी यथेष्ठ है। प्राणीजगत की पहचान मात्र एक है स्वार्थ, परन्तु अनभिज्ञ है क्या होगा इसका यथार्थ। समस्त ईश्वरीय कृतियों का ही एक भाव है, कर भेद निजता से फिर करते स्व बदलाव है। सर्व कथनीय जितना हो सन्तुष्ट हो जी लेना, अति हर किसी की हानि यही सबका कहना। भक्ति भाव स्मरण कर भटका न ध्यान अपना, नियंत्रित कर स्व इंद्रिया व मोती माला जपना। @निशा कमवाल विषय:-#मरने के बाद# 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 "कदापि जीवन एक परम सत्य नही है, क्योंकि जब जीवन है तो मृत्यु भी यही है।" "अमरत्व,अजरत्व सब क्षणिक भ्रम मात्र है, जीवन रंगमंच के कुछ पलों के हम पात्र है।"