तू बिल्कुल इमली जैसी चटपटी थोड़ी मीठी थोड़ी सी खट्टी है मिर्ची जैसी तीखी तू बिल्कुल गुलाबजामुन जैसी है एक स्वाद में कैसे बाँधु तू हर स्वाद की जादू वाली डिब्बी जैसी है तू खुला आसमां मेरे ख़ातिर तू बारिश की बूंदों जैसी है वो चु चु करती चिड़िया जैसी इंटरटेनमेंट की दुकान है तू बिल्कुल चलती फिरती टीवी जैसी है माँ कहूँ या भाई तुझे तू तो हर रिश्ते में परफेक्ट बैठी है मेरी बक बक को सहने वाली तू भी बत्तककड़ बिल्कुल मेरी जैसी है ✍️रिंकी तू बिल्कुल इमली जैसी चटपटी थोड़ी मीठी थोड़ी सी खट्टी है मिर्ची जैसी तीखी तू बिल्कुल गुलाबजामुन जैसी है एक स्वाद में कैसे बाँधु तू हर स्वाद की जादू वाली डिब्बी जैसी है तू खुला आसमां मेरे ख़ातिर