“पुराने ख़त और तुम” यूंही मिला वो खुशबू जैसे जिंदगी में अफसाने से। कितने मुद्दतों बाद खोला मैंने सारे ख़त तुझे याद करने वास्ते।। तेरे पुराने खतों को पढ़ना आज भी अच्छा लगता है। देख उसे आज भी आंखों में आंसू बरसता है।। तेरे सारे ख़त सूखे लाल गुलाबों संग संभाल के रखे हैं। आज के दौर में देख इसे मेरा मोबाइल जलता इस बात से।। पुराने दोस्त जब भी जिक्र करते हैं तेरी बातों का। कभी भी खत्म ना हो किस्सा ऐसा लगता है। तुम्हारी चाह में उलझे हम जिंदगी में ऐसे। कभी खुशी कभी गम दोनों अपना सा लगता है।। #KKPC20 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोरा काग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #पुरानेख़तऔरतुम