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कुंडलियां छंद: तितली तितली लगता कर रही, पुष्प

कुंडलियां छंद: तितली

तितली  लगता  कर  रही,  पुष्पों   से संवाद।
दृश्य मनोरम  देखकर, आया  बचपन  याद॥
आया   बचपन   याद,  सुहाने  दिन  वे प्यारे।
गौरैयों    का   नाद,    सुनाई    पड़े   सकारे॥
कह दिनेश कविराय, कोकिला गाने निकली।
रंगो  की  पर्याय,  लगे  नित  प्यारी  तितली॥

Dinesh Pandey

©दिनेश कुशभुवनपुरी
  #कुंडलियां_छंद #तितली #Titliyaan  PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' gaTTubaba शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' Anshu writer  अmit कोठारी "राही" Disha Nîkîtã Guptā Anjali Srivastav वरुण तिवारी  Ritu Tyagi Puja Udeshi Asmita Singh ANOOP PANDEY Kirti Pandey  }PREET{ Raj Guru सुनील 'विचित्र' कवि आलोक मिश्र "दीपक" Suhana parvin  Subhash Chandra poonam atrey MƳ ƊŘĚÃM ÌŞ MŶ ŁÎFÉ Mysterious Girl एक अजनबी  Anupriya पथिक.. gungun gusain सुरमई साहित्य Babli Gurjar  -"Richa_Shahu" सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) मनोज मानव Diksha Singh Alone Amit