Nojoto: Largest Storytelling Platform

आख़िरी दफ़ा जो तुझें देखा होता, दिल ना ऐसे कभी त

आख़िरी दफ़ा जो तुझें देखा होता,
दिल  ना  ऐसे  कभी  तन्हा होता।

प्यासी  ना  मरती  मोहब्बत  मेरी ,
सावन तेरे नूर का जो बरसा होता।

पाप-पुण्य अच्छा-बुरा न देखा होता,
शायद कोई शख्स अपना हुआ होता।

दौर-ए-ज़वानी  का जिया  है हमनें,
उन्हें ना देखता तो कैसे पता होता।

मेरे  अल्फ़ाज़  आवारा  परिंदे होते,
गर ख़्यालों को पर लग गया होता। (ग़ज़ल- पाप और पुण्य)
#कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021 #kkपापऔरपुण्य #yqdidi #yqbaba #नज़्म_ए_बयाँ
आख़िरी दफ़ा जो तुझें देखा होता,
दिल  ना  ऐसे  कभी  तन्हा होता।

प्यासी  ना  मरती  मोहब्बत  मेरी ,
सावन तेरे नूर का जो बरसा होता।

पाप-पुण्य अच्छा-बुरा न देखा होता,
शायद कोई शख्स अपना हुआ होता।

दौर-ए-ज़वानी  का जिया  है हमनें,
उन्हें ना देखता तो कैसे पता होता।

मेरे  अल्फ़ाज़  आवारा  परिंदे होते,
गर ख़्यालों को पर लग गया होता। (ग़ज़ल- पाप और पुण्य)
#कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021 #kkपापऔरपुण्य #yqdidi #yqbaba #नज़्म_ए_बयाँ