पाप और पुण्य पुण्य सोचे पाप मुझ पर हावी हुआ जाये पाप सोचे पुण्य मेरी दूरदर्शा कराये जाये एक दूजे को एक दूजा एक आँख न सुहाय। पुण्य करे विचार इंसान को पाप से कैसे भटकाया जाये,पाप करे विचार इंसान को अपने वश में कैसे किया जाये,कर्म गया देख सहम कुछ शब्द न बोल पाये,देख अपने फल की ओर मंद मंद घबराये,देखकर फल अपनी दशा झर-झर अश्रु बहाये,देख किस्मत फल की दशा सहम सी हो ख़ुद में सिमटती जाये, दुखी हो जीवन डोर क्षण-क्षण ईश्वर से करे विचार कैसा खेल रचा रे प्रभु लेख तेरा समझ न आये पुण्य दे सुख का साथ तो पाप कराये अत्याचार कैसा ये दस्तूर बना रे इंसान की नैय्या पाप और पुण्य के गर्त में क्षण-क्षण डूबती उभरती जाये। 5.पाप और पुण्य...16.04.2021 #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #KKr2021 #kkपापऔरपुण्य #tarunasharma0004 #yourquotedidi