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Meri Mati Mera Desh भाई जब भी बहन की ससुराल आए दुख

Meri Mati Mera Desh भाई जब भी बहन की ससुराल आए
दुख से दोहरी बहनें भी तन कर खड़ी हो गई
हंसी चुनरी के कोने से और पूरे घर में फैल गई,भागी वे रसोई की तरफ पर कान उस कमरे में टिके रहे,जहाँ भाई आकर बैठे।
भाई जब भी खड़े हुए पाटड़े पर
विवाह की रस्में शुरू हुई,नेत्ते से नापी गई छात्ती,किया गया तिलक चावल रोळी से
मांढा बंधा, आरते हुए, मंगल गाए,वे भाती बन जब द्वार पर आए,पूरी ससुराल सत्कार में लग गई,परोसे गए ब्याह के सबसे पहले बने भात के लड्डू,बहाया कसार में लोटे से घी उतना जब तक मना न किया गया हो।
भाई जब भी भीड़ पड़ी एक आवाज पर हाजिर हुए रोए बहनों से मुंह फेर कर।
एक वक्त बाद जब मां नहीं रहती पिता नहीं रहतेबहनें रोती हैं एक शब्द बोलकर
भाई रै.........
भाषा का सबसे सम्मानजनक शब्द लगता है मुझे भाई जब भी दुख आए किसी द्वार के बाहर खड़े हो पुकारना
भाई रै! कोई आएगा तुम्हें छाती से लगाएगा
भीतर ले जाएगा।जब भी मन में कोई गहरी बात हो
बोलना भाई रै! भाई सब बात छोड़कर सुनेगा तुम्हारी बात।जब भी कोई साथ ना दिखे भाई के कंधे हाथ रख चलना
तुम्हें अच्छा लगेगा लगेगा कि धरती पर एक रिश्ता है
जो गुरूर से रहना सिखाता है।

©Andy Mann
  #भाई_बहन  PФФJД ЦDΞSHI Neel @hardik Mahajan Monu Solanki Neelam Modanwal  vineetapanchal Ak.writer_2.0 POONAM GUPTA Niaz (Harf) Ritu Tyagi  Sh@kila Niy@z KhaultiSyahi poonam atrey Jack Sparrow Arshad Siddiqui  Sethi Ji Anshu writer Jashvant MRS SHARMA Pushkar  VEER SOLANKI Rudra Kaushik Rameshkumar Mehra Mehra Dr.Mahira khan Maaahi..  शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Sanjana Paakhi Sharma KK क्षत्राणी Geet Sangeet  Anand mokhra Ambika Mallik heartlessrj1297 Puja choudhary22 0 Bhardwaj Only Budana