आदर सत्कार छोड़ जाए जग सारा परछाई ना छोड़ के जाए, सांसों दे श्वासों का बंधन कौन निभाए, बंट गए संयुक्त परिवार आदर्शवादी कौन बनाए, दादी से मम्मी की बनती नहीं कहानी कौन सुनाएं, थकी हारी मम्मी आफिस से आए, पापा भी सुसताए , सारा दिन की प्रतीक्षा करूं मैं मुझे कौन से सहलाए , आदर्श सिर्फ किताबों में रह गए अस्ल में है लुटे पाए, आदर सत्कार लुप्त हुए कलयुग में इतिहास कौन बताए, दौरे -ए - समां क्या रिवाज़ -ए - खल्क है आए, चलो फिर से मंदिर कर जाए, माता -पिता, को देवता बनाए। #कोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021 #kkआदरसत्कार #collabwithकोराकाग़ज़