यूं हर किसी पर इल्ज़ाम लगाना लाज़मी नहीं होता.. यहां हर कोई अपनी ख्वाहिशों का कातिल नहीं होता.. - मंदाकिनी #यूं #हर #किसी #पर #इल्ज़ाम #लगाना #लाज़मी #नहीं #होता.. #यहां #हर #कोई #अपनी #ख्वाहिशों #का #कातिल #नहीं #होता..