Find the Best यहां Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutलौटूंगा यहां तेरे पास में है, यहां से लखनऊ की दूरी, हर कोई है यहां, मतलबी है लोग यहां, यहां रखा है,
pramod malakar
यहां सनातनियों की दिया जलती है ******************************** पड़ोसी देश हो पाकिस्तान ,या बंगलादेश, या हो चीन,नेपाल और हिन्दुस्तान हमारा, धरती पर आतंकवाद नहीं पनपने देंगे, नहीं अपनों को हम कभी मरने देंगे। नहीं जातिवाद और धर्म पर कभी, हम देश को बंटने देंगे।। रंग-विरंगे फूलों का भारत धरती है, यहां सनातनियों कि दिया जलती है। राष्ट्र प्रेम हीं हमारा सर्वोच्च पुजा है, हमारे दिल में कोई और नहीं दूजा है। हम एक हाथ में त्रिशूल, दुसरे में जंग का विगुल थामे बैठे हैं। इंसानों के लिए ह्रदय में प्रेम और, दुश्मनों के लिए तलवार लिए बैठे हैं। सनातन विरोधी हिन्दुओं के लिए, चुड़ियां और सलवार लिए बैठे हैं।। हमारा हर शब्द प्रतिक है शांति का, प्रमोद का कलम विगुल है क्रांति का। कभी दिपावली कभी होली कभी ईद से, भारत की भुमि रौशन होती है। कभी इंसानों के बहते लहू से, भारत माता कि धरती रोती है। रंग बिरंगे फूलों का भारत धरती है। यहां सनातनियों की दिया जलती है।। ********************************** प्रमोद मालाकार कि पेशकश....20.12.23 ©pramod malakar #यहां सनातनियों की दिया जलता है।
#यहां सनातनियों की दिया जलता है।
read moreGanesh Din Pal
न तुम ग़महीन लगते हो न हम खुशहाल लगते हैं बता दो यार तुम मेरे यहां क्यों रोज़ मिलते हो? ©Ganesh Din Pal #यहां क्यों रोज़ मिलते हो?
#यहां क्यों रोज़ मिलते हो?
read moreShubham Bhardwaj
वक्त की रफ्तार में खुदको गुजरते देखा है। बचपन को जवानी में निखरते देखा है ।। हाथ नही आता है यह न जाने कैसा खजाना है। अपना सा लगे है मगर हाथ से बिखरते देखा है।। ©Shubham Bhardwaj #safar #वक्त #की #रफ्तार #में #गुजरते #देखा #है #सफर #यहां
सागर मंथन
फ़कीरी में काटनी हो जिंदगी, तो लाड़लों इश्क़ करलो पास आना फिर छोड़ जाना ,यहां लोगों का रिवाज़ है! ©sagar manthan #galiyaan #यहां रिवाज़ है...
Shubham Bhardwaj
यहाँ कौन है अपना और कौन पराया है। वक्त की धारा में,खुदको अकेला पाया है।। ©Shubham Bhardwaj #feelings #यहां #कौन #है #अपना #और #पराया #वक्त
Shubham Bhardwaj
क्या खूब नजारा है,यह पहली मुलाकात का। पूनम का चाँद हो तुम,इस अमावस की रात का।। ©Shubham Bhardwaj #berang #क्या #खूब #नजारा #है #यहां #पहली #मुलाकात
Shubham Bhardwaj
जमाने की तस्वीर का आईना है यह। बर्बादी और बर्बरता की निशानियाँ हैं यह।। हमदर्द बनकर वह मूँह मोड़ चुके हैं । गुजरे हुये कल की कहानियाँ हैं यह।। खौफ के सीने में दफन होते रहे हैं । भूली बिसरी यादों की खुमारियाँ हैं यह।। तुमको पाकर छोड़ा था जो अधूरा सा सफर। वक्त के दौरान तन्हा सी परछाईयाँ हैं यह।। ©Shubham Bhardwaj #UskiAankhein #जमाने #की #तस्वीर #का #आईना #है #यहां