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एहसास और विश्वाश से सजाया है, प्रेम मंदिर सा बनाय

एहसास और  विश्वाश से सजाया है, प्रेम मंदिर सा बनाया है
तुम संग मैंने प्रेम से, ज़िंदगी को आगे बढ़कर गले लगाया है

शेष रचना अनुशीर्षक में पढ़े...  यही तो है.. तुम्हारा और मेरा... सपनों का सुन्दर संसार, 
मन के अंतस्तल से...... मेरी नस-नस में समाये हो तुम।
💖💖
ना प्रेम-पत्र लिखे.. ना ही कभी तुमने शब्दों में इक़रार किया,
हर बात हृदय से... बहती तुम्हारी इसलिए हमें भाये तुम।
💖💖
जहाँ मेरी थकन.... ठंडी छाँव पाती है हर पल.. हर क्षण,
प्रेम की वो.. असीम गहराईयाँ लेकर मुझ में समाये तुम।
एहसास और  विश्वाश से सजाया है, प्रेम मंदिर सा बनाया है
तुम संग मैंने प्रेम से, ज़िंदगी को आगे बढ़कर गले लगाया है

शेष रचना अनुशीर्षक में पढ़े...  यही तो है.. तुम्हारा और मेरा... सपनों का सुन्दर संसार, 
मन के अंतस्तल से...... मेरी नस-नस में समाये हो तुम।
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ना प्रेम-पत्र लिखे.. ना ही कभी तुमने शब्दों में इक़रार किया,
हर बात हृदय से... बहती तुम्हारी इसलिए हमें भाये तुम।
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जहाँ मेरी थकन.... ठंडी छाँव पाती है हर पल.. हर क्षण,
प्रेम की वो.. असीम गहराईयाँ लेकर मुझ में समाये तुम।
krishvj9297

Krish Vj

New Creator

यही तो है.. तुम्हारा और मेरा... सपनों का सुन्दर संसार, मन के अंतस्तल से...... मेरी नस-नस में समाये हो तुम। 💖💖 ना प्रेम-पत्र लिखे.. ना ही कभी तुमने शब्दों में इक़रार किया, हर बात हृदय से... बहती तुम्हारी इसलिए हमें भाये तुम। 💖💖 जहाँ मेरी थकन.... ठंडी छाँव पाती है हर पल.. हर क्षण, प्रेम की वो.. असीम गहराईयाँ लेकर मुझ में समाये तुम। #YourQuoteAndMine #restzone #collabwithrestzone #Nivedita #विशेषप्रतियोगिता #rzलेखकसमूह #लेखनसंगी #rztask449