Nojoto: Largest Storytelling Platform

परिहास (दोहे) जो करते परिहास हैं, उनका बढ़ता मान।

परिहास (दोहे)

जो करते परिहास हैं, उनका बढ़ता मान।
आस पास सब हों मगन, खुश होते वो जान।।

ऐसा क्यों परिहास हो, लगे व्यंग के बाण।
हृदय रहे पीड़ित सदा, कष्ट भोगते प्राण।।

हास परिहास हो वही, सुखी करे परिवार।
आपस में मिल कर सभी, बांँटे सबको प्यार।।

कहते हैं सज्जन सभी, ऐसा हो परिहास।
चहक उठे तन-मन सभी, हो जीने की आस।।

सीमा हो परिहास की, सके न कोई तोड़।
मन भी विचलित हो नहीं, दो उसको अब मोड़।।
..............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
  #परिहास #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi 

परिहास (दोहे)

जो करते परिहास हैं, उनका बढ़ता मान।
आस पास सब हों मगन, खुश होते वो जान।।

ऐसा क्यों परिहास हो, लगे व्यंग के बाण।
deveshdixit4847

Devesh Dixit

New Creator
streak icon39

#परिहास #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi परिहास (दोहे) जो करते परिहास हैं, उनका बढ़ता मान। आस पास सब हों मगन, खुश होते वो जान।। ऐसा क्यों परिहास हो, लगे व्यंग के बाण। #Poetry #sandiprohila

369 Views