हम निचली श्रेणी, उच्च श्रेणी निभा रहे हैं, अगली पीढ़ी को फिर गर्त में पहुॅंचा रहे हैं। अरे अछूत है ज़रा उसे अलग से जगह दो, पिछड़ी सोच को अपनी प्रथा बना रहे हैं। हास्य व्यंग्य भी समझा के अस्तित्व खो रहे, लोग दुर्दशा को भी शिद्दत से पाल रहे हैं। अंतर्जातीय विवाह और अछूत होना गुनाह, कार्यों के वर्गीकरण को आदत बना रहे हैं। कब ईश्वर ने कार्य से ज्यादा जाति रखी थी, सारे वर्गीकरण मनुष्य क्यों निभा रहे हैं? रंग रूप ऊॅंच-नीच तेरा मेरा जैसी बीमारी, अपनी संस्कृति को सब दीमक लगा रहे हैं। कब खत्म हो जाएगे भेदभाव और दूरियाँ, ईश्वर अपना लो सबको गुहार लगा रहे हैं। डे 13 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकागज़ #kkhkh2021 #होलीकेहमजोली #होली2021 #विशेषप्रतियोगिता #yqdidi