वो गाजरघास के बागान के बीच से आती मद्धम रोशनी मानो सूरज की पहली किरण क्षितिज पर अंधेरे को चीरती, वियावान में जगमगाता बौना सा प्रकाश स्तंभ दिनभर धूप में बहाये पसीने से जलता वह पुंज, दिन के उजाले की बाधाएं न कुछ कम, रात बैरन बुला लाई कीट पतंगों को संग, रद्दी के ढेर को छानता कि शब्दों की कुछ स्वर्णभस्म मिल जाये, जागता वो बच्चा, जागती रद्दी की टोकरी और जागती साथ मे उसकी झोपड़ी, रात के अँधेरे में दिन के उजाले को सीखने की उसकी ये लाजवाब कोशिश.. पढ़ जाने की, कुछ कर जाने की कोशिश !! #newwallpapers #hindiwriters #लालटेन #कोशिश #झोपड़ी #nightstudies