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White जाने क्यों कुछ कह नहीं पाता हूं या फिर कहत

White जाने क्यों कुछ कह नहीं पाता हूं 
या फिर 
कहते कहते रुक जाता हूं,सहम जाता हूं 
खामोश ही रह जाता हूं 
,,,,,,,
क्योंकि कुछ भी कहने सुनने को आवाज़ के अलावा
दिल, तन ,मन,,चित, चाह,इच्छा,, 
लोभ,मोह,स्नेह,लगाव,
 समर्पण,अपनापन,भोलापन,
सादगी,नादानी,प्यार,
मनोदशा, मनोभाव, विचार, व्यवहार, 
चरित्र, नियत,जरूरत
,,,,,,,,,,,,,
आदि सब किसी का होना भी जरूरी होता है।।।

©Rakesh frnds4ever
  #जाने_क्यों… कुछ कह नहीं पाता हूं 
या फिर 
कहते कहते रुक जाता हूं,
#सहम  जाता हूं 
#खामोश  ही रह जाता हूं 
,,,,,,,
क्योंकि कुछ भी कहने सुनने को #आवाज़ के अलावा
दिल, तन ,मन,,चित, चाह,इच्छा,,

जाने_क्यों… कुछ कह नहीं पाता हूं या फिर कहते कहते रुक जाता हूं, #सहम जाता हूं #खामोश ही रह जाता हूं ,,,,,,, क्योंकि कुछ भी कहने सुनने को #आवाज़ के अलावा दिल, तन ,मन,,चित, चाह,इच्छा,, #स्नेह #मनोभाव #मोटिवेशनल #मनोदशा #rakeshyadav #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever

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