Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम्हारे बिन ये घर-आँगन मुझे तो काट खाता है। तुम्ह

तुम्हारे बिन ये घर-आँगन मुझे तो काट खाता है।
तुम्हारे संग गुज़ारा हर लम्हा मुझे याद आता है।
तेरी यादों के मोती अब पिरोती हूँ मैं माला में,
उसी माला से सुमिरन दिल दिन-रात करता है।

©HINDI SAHITYA SAGAR
  #tootadil 
तुम्हारे बिन ये घर-आँगन मुझे तो काट खाता है।
तुम्हारे संग गुज़ारा हर लम्हा मुझे याद आता है।
तेरी यादों के मोती अब पिरोती हूँ मैं माला में,
उसी माला से सुमिरन दिल दिन-रात करता है।
#hindisahityasagar  #poetshailendra

#tootadil तुम्हारे बिन ये घर-आँगन मुझे तो काट खाता है। तुम्हारे संग गुज़ारा हर लम्हा मुझे याद आता है। तेरी यादों के मोती अब पिरोती हूँ मैं माला में, उसी माला से सुमिरन दिल दिन-रात करता है। #hindisahityasagar #poetshailendra #शायरी

207 Views