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मंज़िल की दस्तक़ _______________ मैं क़दम-दर-क़दम ब

 मंज़िल की दस्तक़
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मैं क़दम-दर-क़दम बढ़ता गया 
खुद से कुछ यूँ जुड़ता गया

जिस मंज़िल की दस्तक़ को रास्ते का ठोकर समझा 
उसी ठोकर से मेरी मंज़िल संवारती गयी

मनीष राज

©Manish Raaj
  #मंज़िल की दस्तक़
manishraaj9056

Manish Raaj

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#मंज़िल की दस्तक़ #शायरी

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