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White मेरे मुस्कुराने पर ना जाइये ज़ख़्म-ए-दिल गहरा

White मेरे मुस्कुराने पर ना जाइये ज़ख़्म-ए-दिल गहरा है
क़तरा-ए-अश्क़  आँखों की  दहलीज़ पर  ठहरा है 
ख़ामोशियाँ  फ़ैली  चारों  तरफ  मग़र  शांति  नहीं
हर  ज़ुबाँ  पर  यहाँ  आजकल संगीन का पहरा है.

©malay_28
  #दर्द