अगर खरीद पाता बचपन तो खरीद लेता कुछ लम्हे ही सही मगर फिर से जी लेता जिम्मेदारियों की धुंध से गायब सा हूं फिलहाल मैं एक बार इस रेत से अपना चेहरा धो लेता बड़ा मकाँ है मगर जी घुटता है मेरा काश मैं उस मिट्टी के घर मे ही रह लेता !! #बचपन #शायरी #हिंदी