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रिश्ते एक महीन धागे की तरह हैं जरा से खींचते ही ट

रिश्ते एक महीन धागे की तरह  हैं
जरा से खींचते ही टूट जाते हैं ।

संभाल कर रखिए कदम
रिश्तों में अहम
बिन बातो के ही आते हैं।

©Naresh_ke_alfaaz🖋️
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