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सुलगते हुए अंगारे है, बुझी हुई आग नहीं है। कांटों

सुलगते हुए अंगारे है,
बुझी हुई आग नहीं है।
कांटों से भरी डगर है,
फूलों का बाग़ नहीं है।
तबाही वाले बादल है,
साबुन का जाग नहीं है।
ये कोरोना है जनाब! 
कोई मज़ाक नहीं है। #kkकोरोनाकाकहर #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #kkr2021
सुलगते हुए अंगारे है,
बुझी हुई आग नहीं है।
कांटों से भरी डगर है,
फूलों का बाग़ नहीं है।
तबाही वाले बादल है,
साबुन का जाग नहीं है।
ये कोरोना है जनाब! 
कोई मज़ाक नहीं है। #kkकोरोनाकाकहर #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #kkr2021