हाँ माना मुझे कुछ खुशफहमियाँ हैं, जी लेने दो मुझे उनके साथ| जिन्दगी मेरी है तो मैं तय करूंगी कि किसे चाहना है और किसे रखना है अपने पास अब मजबूरियों का बहाना नही बनाती, जाओ मैं सच नही छिपाती, कह देती हूँ सब कुछ... कि हाँ यही मर्जी है हमारी, अब तुम नही समझते तो मेरा कुसूर क्या है, इश्क मैंने किया है इसमें तुम्हारा गुरूर क्या है? तुम पीते रहना विष का प्याला पर इलाज ना करवा लेना, दर्द दवा बन जाएगा जरूर पर तुम गलती से सच ना बता देना... लेकिन मुझसे ये बुज़दिली होगी नही.... मैं सच नही छिपाती, कह देती हूँ सब कुछ हाँ यही मर्जी है हमारी कुछ तो लोग कहेगें, लोगों का काम है कहना... #nojotohindi #poem #kavita #truth #freedomofexpression #itisnotaromanticpoem #क्रांति