Nojoto: Largest Storytelling Platform

धड़कन (दोहे) प्रियसी तेरे रूप को, देख हुआ मदहोश। त

धड़कन (दोहे)

प्रियसी तेरे रूप को, देख हुआ मदहोश।
तू जब आए सामने, हो धड़कन में जोश।।

तेरी भी धड़कन बढ़ें, आकर मेरे पास।
हो बेकाबू तू रही, है मुझसे पर आस।।

बाहों में तुझको लिया, धड़कन पकड़े जोर।
कहती है सद्भावना, मन का नाचे मोर।।

पल होता ये खुशनुमा, जब तू देती साथ।
धड़कन ही सिमटी रहे, चूमूँ तेरा माथ।।

लिया हाथ को हाथ में, ऊपर मेरा हाथ।
धड़कन भी अब सम हुई, पूरा तेरा साथ।।

सोचा ये सब ख्वाब में, कैसे करूँ बखान।
धड़कन के टुकड़े हुए, सिमट गये अरमान।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #धड़कन #दोहे #nojotohindipoetry 

धड़कन (दोहे)

प्रियसी तेरे रूप को, देख हुआ मदहोश।
तू जब आए सामने, हो धड़कन में जोश।।

तेरी भी धड़कन बढ़ें, आकर मेरे पास।
deveshdixit4847

Devesh Dixit

New Creator
streak icon85

#धड़कन #दोहे #nojotohindipoetry धड़कन (दोहे) प्रियसी तेरे रूप को, देख हुआ मदहोश। तू जब आए सामने, हो धड़कन में जोश।। तेरी भी धड़कन बढ़ें, आकर मेरे पास। #Poetry #sandiprohila

621 Views