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इनकी आत्माओं पर इनका अधिकार कहाँ ये दारू की बोतल प

इनकी आत्माओं पर इनका अधिकार कहाँ
ये दारू की बोतल पर बिकने वाली जनता है
जो गूंगी भी हैं और बहरी भी हैं
जीतता भले ही कोई हो चुनावी मौसम में
पर हारते यही हैं
क्योंकि ये धर्म के नाम पर लड़ते है
ये जाति के नाम पर बँटते है
ये शक्तिहीन शक्तिमान है
या अपनी शक्ति को भूले हनुमान है
इनकी गरीबी और लाचारी जायज है
क्योकि अगर ये खत्म हो जाएगी
तो ये पिंजड़े से उड़ जायेंगे
इनका पिंजड़े में रहना ही अच्छा है —अभिषेक राजहंस
 #NojotoQuote पिंजड़े का परिंदा भाग 02
इनकी आत्माओं पर इनका अधिकार कहाँ
ये दारू की बोतल पर बिकने वाली जनता है
जो गूंगी भी हैं और बहरी भी हैं
जीतता भले ही कोई हो चुनावी मौसम में
पर हारते यही हैं
क्योंकि ये धर्म के नाम पर लड़ते है
ये जाति के नाम पर बँटते है
ये शक्तिहीन शक्तिमान है
या अपनी शक्ति को भूले हनुमान है
इनकी गरीबी और लाचारी जायज है
क्योकि अगर ये खत्म हो जाएगी
तो ये पिंजड़े से उड़ जायेंगे
इनका पिंजड़े में रहना ही अच्छा है —अभिषेक राजहंस
 #NojotoQuote पिंजड़े का परिंदा भाग 02