//औरत के किरदार// ******************* औरत के किरदार को हम हर्फो में बयां ना जी सकेंगे, जिम्मेदारी की बात पर आए स्वपन में एक ही तस्वीर आए, न जाने कैसे अपना हर किरदार निभाती है, कमाल ए फर्ज निभाए, बीमार हो जाए अगर घर में कोई तो सारी रात जागे बिताए, कहने को अबला , बेचारी , नारी है पूजता हैं जगत संसार, कोई सानी नहीं इसके बलिदान का, ऐसा है औरतों का किरदार, कभी बेटी , कभी बहू, कभी बीवी , तो बने कभी माँ, इसके बिना कल्पना ना कर सके हम, अधूरा है घर संसार, नवसृजन का निर्माण हैं करती , जीवन का है आधार, सहानुभूति की देवी हैं , प्यार से बांधे घर - परिवार, बच्चों को लोरी गा गा कर सुनाएं ऐसी हैं अवकोकिल, स्वच्छ हृदय से पवित्र आत्मा सर्वस्य है अखिल , जब कभी भी हमें चोट लग जाए मन हो जाए उदास, हमसे ज्यादा वह रोती है हमेशा उठाए दुआ के लिए हाथ, औरत तेरी कहानी मैं क्या बयां करूं, सत्य है गर खुदा का दूजा कहाए, यूँ तो अनपढ़ है जब जब पुछू सवाल, हर सवाल का उत्तर बताए। #kkpc17 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता