Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या सच्चे रिश्तों में एक दूसरे की सभी गलतियाँ स



क्या सच्चे रिश्तों में एक दूसरे की सभी गलतियाँ सहन करना सही है ?
 --इंसान वैसे तो गलतियों का पुतला है ,गलतियाँ करते रहना उसका स्वभाव है परंतु यदि गलती करके उससे सीख ली जाए तो वह गलती एक सबक बन जाती है ।
जब दो लोग एक दूसरे से जुड़ते हैं तो निश्चित ही एक दूसरे के स्वभाव से अनभिज्ञ होते हैं ,परन्तु व्यवहार में आते ही गलतियाँ होने या नज़र आने लगती है जहां तक गलतियों को नजरअंदाज करने की बात है तो गलती सिर्फ एक या दो बार होती है बार बार अगर गलतियाँ दोहराई जाती हैं तो रिश्तों में मनमुटाव आना स्वाभाविक है और गलती अगर स्वभाव बन जाये तो सिर्फ रिश्ते बचाने के लिए उसे स्वीकारना या नजरअंदाज करना बेवकूफ़ी है ,
और रिश्ता यदि वाकई सच्चा है तो गलतियाँ दोहराए जाने का कोई मतलब ही नही है,।
सच्चाई ये भी है कि रिश्तों में समझौता करना रिश्तों की लंबी आयु का सबब होता है लेकिन इसका ये मतलब कतई नही है कि हर छोटी बड़ी गलतियों को हमेशा ही नजरअंदाज करते रहें ।क्योंकि सच्चा प्रेम दोनों तरफ से ही होता है सिर्फ़ एक ही बार बार गलतियों को झेलता रहे तो ये प्रेम नही एक बोझ मात्र है।
अगर प्रेम को बनाये रखना या बचाये रखना है तो गलतियाँ करने से पहले एक बार अवश्य सोचिए ,अगर हो भी जाती है तो उसे पुनः ना दोहराया जाए ।।
                                                                -पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #विचारमंथन  Anshu writer Navash2411 -hardik Mahajan Sethi Ji Rajesh Arora  खामोशी और दस्तक HINDI SAHITYA SAGAR वंदना .... Anil Ray दिनेश कुशभुवनपुरी  Saloni Khanna Noor Hindustanai Bhavana kmishra Richa Mishra Mili Saha  Ashutosh Mishra Raj Guru Puja Udeshi narendra bhakuni Mahi  Urvashi Kapoor Neel Kamlesh Kandpal Suresh Gulia shashi kala mahto  Rakesh Srivastava एक अजनबी Aditya kumar prasad Madhusudan Shrivastava Kirti Pandey  Ambika Mallik भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन kukku SAUD ALAM Poonam Suyal  Sunita Pathania अदनासा- डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) Payal Das Sita Prasad  मनोज मानव अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Lalit Saxena तन्हा शायर GULSHAN KUMAR  Balwinder Pal Praveen Jain "पल्लव" Deep kumar samir पथिक..  शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) काव्यार्पण Rahil Mehra Bhardwaj Only Budana @Dil_E_Nadan