राजनीति : एक व्यंग्य
- अजय वर्मा
आज एक सज्जन से भेंट हुई जो हमारे साथ विगत वर्षों में पढ़ते थे ह्रदय प्रफुल्लित हो उठा और गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी वह बोले अजय व्यस्त तो नहीं हो आओ कुछ देर पार्क में बैठकर बतियाते हैं मैंने सोचा काम तो बहुत है जैसे मैच देखना है फेसबुक चलाना है व्हाट्सएप चेक करना है कहीं स्टेटस तो नहीं डाल दिया किसी ने लेकिन यहां महत्वता मित्र की लग रही थी ।मैंने सोचा था -
बातें होंगी उस दौर की जब हम बच्चे थे #Hindi#Pyar#poem#kavita#nojotohindi#शायरी#Aj#shyri#nojotourdu#nojotokavita#rachna#nojotoshyri#kaviajayvarmaaj#sm