जज़्बातों में बहती है तन्हाई मेरी ज़िंदगी खोज रही.... ये बेवफ़ाई मेरी टूटकर बिछड़ना तो यूं मुश्किल रहा बड़े अरमानों से ये अर्थी सजाई मेरी रिश्तों को छू कर देख लिया हमने इनमें कितनी भरी है.... रूसवाई मेरी आंसुओं को जज़्ब कर लिया मैंने बिखेरकर क़िस्मत क्यों आज़माई मेरी ज़ख़्म तो यह सूखने से रहा 'राही' अब नहीं इस दिल की कोई दवाई मेरी ©kumar ramesh rahi #मेरेजज़्बात #तन्हाई #आँसू #जिंदगी #अर्थी #यादें #kumarrameshrahi #lost