रात अंधेरी घना अंधेरा चाँद जमीं पर लाऊँ क्या। चूम के तेरे लबों को लब से हदें पार कर जाऊँ क्या।। रात अंधेरी घना अंधेरा चाँद जमीं पर लाऊँ क्या। चूम के तेरे लबों को लब से हदें पार कर जाऊँ क्या।। #रात #अंधेरी #घना #अंधेरा #चाँद #जमीं #पर #लाऊँ #क्या। #चूम #के #तेरे #लबों #को #लब #से #हदें #पार #कर #जाऊँ #क्या।।