//आपसी मन-मुटाव// ************************** ज़रा सी अनबन रिश्तों को यूँ बेकार कर जाती है, कि आपसी मनमुटाव में ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है। जब रिश्तों में वो वफ़ा और विश्वास नहीं रह जाता, ज़िंदगी की खुशियाँ खत्म और बेज़ार हो जाती है। अक्सर हम अपनी गलतियों को पहचान नहीं पाते, खुद की गलतियों से मुश्किल बेशुमार हो जाती है। क्या होता गर एक दूजे पे, हम विश्वास बनाये रखते, खुद की मुसीबत कम, ख़ुशियाँ हजार हो जाती हैं। दुआ करो कि जीवन में, ये विश्वास यूँ ही बना रहे, विश्वास बिना रिश्तों की सीरत, बेकार हो जाती है। आपसी मन-मुटाव #kkआपसीमनमुटाव 27 अप्रैल 2021 ************************************* ज़रा सी अनबन रिश्तों को यूँ बेकार कर जाती है, कि आपसी मनमुटाव में ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है। जब रिश्तों में वो वफ़ा और विश्वास नहीं रह जाता, ज़िंदगी की खुशियाँ खत्म और बेज़ार हो जाती है।