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शीर्षक - माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो ---------

शीर्षक - माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
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माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो।
बहुत हसीन हो तुम, एक माहताब हो।।
माशा अल्लाह तुम-------------------।।

गुलाब जैसे लब तेरे, आँखें तेरी मधुशाला है।
हंसी तेरी फूलों सी है, फूलों सा तुम शबाब हो।।
माशा अल्लाह तुम-------------------------।।

लहराती तेरी ये जुल्फें, लाती है दिल में बहार।
कशिश है तेरे चेहरे में, तुम मीठी एक शराब हो।।
माशा अल्लाह तुम--------------------------।।

कमाल है तेरी अदायें, मस्ती है इनमें मौजों सी।
मकबूल हो तुम जमीं पर, दीवानों का तुम ख्वाब हो।।
माशा अल्लाह तुम--------------------------।।

बनाया होगा खुदा ने, तुमको फुरसत में ही।
मूरत हो तुम प्रेम की, मोहब्बत की तुम किताब हो।।
माशा अल्लाह तुम----------------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार 
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद 
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार
शीर्षक - माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
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माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो।
बहुत हसीन हो तुम, एक माहताब हो।।
माशा अल्लाह तुम-------------------।।

गुलाब जैसे लब तेरे, आँखें तेरी मधुशाला है।
हंसी तेरी फूलों सी है, फूलों सा तुम शबाब हो।।
माशा अल्लाह तुम-------------------------।।

लहराती तेरी ये जुल्फें, लाती है दिल में बहार।
कशिश है तेरे चेहरे में, तुम मीठी एक शराब हो।।
माशा अल्लाह तुम--------------------------।।

कमाल है तेरी अदायें, मस्ती है इनमें मौजों सी।
मकबूल हो तुम जमीं पर, दीवानों का तुम ख्वाब हो।।
माशा अल्लाह तुम--------------------------।।

बनाया होगा खुदा ने, तुमको फुरसत में ही।
मूरत हो तुम प्रेम की, मोहब्बत की तुम किताब हो।।
माशा अल्लाह तुम----------------------------।।



शिक्षक एवं साहित्यकार 
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद 
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार