जब-जब फरेबी प्रेमियों से मिलती है प्रेमिकाएं वो गिरवी रखने आती है अपना जिस्म थोड़ा सा सुकून और अपना बनाने की चाहत में जब वो उसके वक्ष और नितम्बों को छूते हुए भग के पास आता है, वो उसी वक्त मिल जाना चाहती है उसकी रूह में सदा के लिए जैसे उसका वो आखरी स्वपन हो कुछ पलों बाद उसका भ्रम टूट जाता है वो आती है घर नोचे हुए मांस के लोथड़ों के साथ अध - मरी सी बनकर ....... Open for Collab 🌻 Note :- no available for erotica जब-जब #फरेबी प्रेमियों से मिलती है प्रेमिकाएं