//इज्जत की खातिर// ***************** परवरिश पे मेरी उंगली न हो, इसीलिए सब सहती हूँ दुख, मांँ-बाप की इज्जत की खातिर, ममता की देवी, स्नेह की देवी पाक नफ्स रूह हैं तेरी, ना जाने क्यों दुनिया हैं काफ़िर। कई रुप है तेरे कभी बेटी,कभी अर्धांगिनी, कभी मांँ बन लुटाया है प्यार, यूँ तो मरहम लगाने आता है हर कोई, फिर भी दुनिया में जीना ना हुआ साज़गार। ना जाने कितनी बार , जिंदगी की कसौटी से गुजरना होगा, यह हैं ईश्वर की प्रतिच्छाया ईश्वर का प्रतिरूप, बस अब बहुत हो चुका कमजोर नहीं मैं महाकाली का रुप हूँ, हिंसक होने पर, मैं दुर्गा स्वरुप हूँ। इतिहास गवाह है जब-जब औरत की अस्मत पे आन पडी, कुल का विनाश होना संभव है, इज्जत करो इस देवी स्वरुपा कंजक देवी की, जन्म देने वाली यह ही ईश्वर रुप विश्वसंभव हैं। #kkइज़्ज़तकीख़ातिर #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkr2021