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गहरा मेरा रंग लाल सिर्फ खून का ही नहीं इश्क का भी

गहरा मेरा रंग लाल 
सिर्फ खून का ही नहीं इश्क का भी लाल 
आंखें भी लाल जो उससे निकला वो अश्क भी लाल
दिल टूटकर बहा नहीं पर जख्म से वो भी लाल

होठ भी लाल 
जुबां भी लाल
और उससे दर्द बनकर बाहर ना निकल पाया 
शब्द बनकर
वो दर्द भी लाल 

धो धोकर निकला नहीं माथा हुआ लाल
कलंक उसपे लगा हैं मीठा लाल
फूल ने पास बुलाकर 
काटों से किया हाथों को लाल

इसे अभिशाप समजू या वरदान रब का
जिसे भी छू लूं हो जाएं वो हर चीज लाल
बेशक ले लेना अगर तुम्हें कोई और रंग पसंद आए
मैं तो कल भी लाल, आज भी लाल 
आनेवाले कल भी लाल।।

©gaTTubaba
  #hands 
गहरा मेरा रंग लाल 
सिर्फ खून का ही नहीं इश्क का भी लाल 
आंखें भी लाल जो उससे निकला वो अश्क भी लाल
दिल टूटकर बहा नहीं पर जख्म से वो भी लाल

होठ भी लाल 
जुबां भी लाल
gattubaba7233

gaTTubaba

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#hands गहरा मेरा रंग लाल सिर्फ खून का ही नहीं इश्क का भी लाल आंखें भी लाल जो उससे निकला वो अश्क भी लाल दिल टूटकर बहा नहीं पर जख्म से वो भी लाल होठ भी लाल जुबां भी लाल #शायरी

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