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खेला था जब तुम्हारे साथ होली बरसा था इश्क का आठवा

खेला था
जब तुम्हारे साथ होली

बरसा था
इश्क का आठवां रंंग

वही रंंग लिए आँखों में
कर रहा हूँ 
इंतजार तेरा

उन्हीं रंगों से
सतऱगी है तन्हाई मेरी

तुम परेशान मत होना
तुम्हारी यादें 
कर रहीं हैं पजीराई मेरी

©Rabindra Prasad Sinha
  #अनपढ़प्रेम