केवल तभी हर पल मुस्कान तेरी बनी रहे, तभी जग मुस्कुराए, माया विवेक की तू धनी बने, तभी जग जगमगाये। है दुआ की खुशियों की बारिश हो तुझपे सतत- दिन सुहानी रूहानी रजनी हो, तभी जग चैन पाये।। केवल तभी