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शीर्षक - आजा रे अपने देश को ----------------------

शीर्षक - आजा रे अपने देश को
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आजा रे अपने देश को।
तू छोड़कर परदेश को।।
नहीं तोड़ हमसे तू रिश्ता।
नहीं भूल अपने देश को।।
आजा रे अपने----------------।।

सूना है घर का ऑंगन, तेरे बिना।
खिलती नहीं कलियां, तेरे बिना।।
नहीं गाते गीत पंछी, तेरे बिना।
आजा रे अपने----------------।।

करती है याद तुमको, तेरी माँ।
रोज देखती है, वह तेरी राह।।
पूछती है तेरी खबर, तेरी माँ।
आजा रे अपने----------------।।

बीमार बापू है तेरा, तेरी याद में।
खबर उसकी नहीं ली, तूने बाद में।।
अब तो तू आकर जी, उनके साथ में।।
आजा रे अपने--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार
शीर्षक - आजा रे अपने देश को
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आजा रे अपने देश को।
तू छोड़कर परदेश को।।
नहीं तोड़ हमसे तू रिश्ता।
नहीं भूल अपने देश को।।
आजा रे अपने----------------।।

सूना है घर का ऑंगन, तेरे बिना।
खिलती नहीं कलियां, तेरे बिना।।
नहीं गाते गीत पंछी, तेरे बिना।
आजा रे अपने----------------।।

करती है याद तुमको, तेरी माँ।
रोज देखती है, वह तेरी राह।।
पूछती है तेरी खबर, तेरी माँ।
आजा रे अपने----------------।।

बीमार बापू है तेरा, तेरी याद में।
खबर उसकी नहीं ली, तूने बाद में।।
अब तो तू आकर जी, उनके साथ में।।
आजा रे अपने--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीतकार